प्रो. वी. एच. दाते के जीवन की घटनाओं की दैनन्दिनी

Dr V. H. date

प्रो. विनायक हरि दाते

तारीख घटना
1 जून, 1900 जन्म
1918 जामखंडी में प्रो. आर.डी. रानाडे से पहली मुलाकात
1920मैट्रिकुलेशन परीक्षा उत्तीर्ण
1924बी.ए. उत्तीर्ण (प्रतिष्ठा), बॉम्बे विश्वविद्यालय
3 फरवरी, 1925विवाह
1926–27दर्शनशास्त्र और धर्म अकादमी, पूना के अध्येता
1929बॉम्बे विश्वविद्यालय से एम.ए. (दर्शनशास्त्र) उत्तीर्ण
1930-32इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रानाडे के मार्गदर्शन में शोधार्थी
1932श्री अम्बुराव महाराज द्वारा दीक्षा
1932–1934राजाराम कॉलेज, कोल्हापुर में अंग्रेजी और दर्शनशास्त्र के सहायक प्रोफेसर
1935–1947लिंगराज कॉलेज, बेलगाम में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर
1941बॉम्बे विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में पी.एच.डी.
1944"योग ऑफ द सेंट्स" का प्रकाशन
1947–1960जसवंत कॉलेज, जोधपुर और महाराज कॉलेज, जयपुर में दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख
1954"वेदांत व्याख्या" (खंड I) का प्रकाशन
1959"वेदांत व्याख्या" (खंड II) का प्रकाशन
1964–67यू.जी.सी. के दर्शनशास्त्र प्रोफेसर
1966सेवानिवृत्ति के बाद 63, जसवंत सराय, जोधपुर में बस गए।
1971 पूना विश्वविद्यालय में श्री गुरुदेव रानाडे स्मारक व्याख्यान दिया "आध्यात्मिक जीवन की सात-गुना धारा।"
1971"गीता का ब्रह्म-योग" का प्रकाशन
1972यू.एस.ए. की यात्रा
1973अध्यात्म साहित्य विकास संस्था की स्थापना
1973जोधपुर विश्वविद्यालय में अरबिंदो शताब्दी व्याख्यान दिया
1973"वेदांत व्याख्या" खंड I और II का पुनर्मुद्रण
1974(1) "संतों का योग" (दूसरा संस्करण), (2) "संत तुकाराम की अभंग गाथा" (हिंदी) का प्रकाशन
1975(i) "संत रामदास का आध्यात्मिक खजाना", (ii) "संत ज्ञानदेव की ज्ञानेश्वरी" (9000 श्लोकों का हिंदी अनुवाद) का प्रकाशन
1976(1) "चित-सुख-तरंग" (हिंदी), (2) "आध्यात्मिक मुकुट पर हीरे", (3) "संत तुकाराम के ध्यान" का प्रकाशन
19781978 दूसरी बार यू.एस.ए. का दौरा किया। संत रामदास के "दासबोध" का प्रकाशन (हिंदी) "संत रामदास की एक माला।"
1979 "उपनिषदों का पुनर्कथन" का प्रकाशन खंड I (छह उपनिषद), (2) "ज्ञानदेव, परे का प्रकाश," 9000 श्लोकों की ज्ञानेश्वरी का पूर्ण अंग्रेजी अनुवाद। (3) "सेंट ज्ञानदेव की एक माला," (4) "सेंट रामदास का मनोबोध" (5) "सेंट तुलसीदास की एक माला"
1980 जोधपुर विश्वविद्यालय में यूजीसी व्याख्यान योजना के तहत "आध्यात्मिक जीवन के प्रकाश स्तंभों के लिए दीपस्तंभ" पर 15 व्याख्यान दिए।
1981 1981 "सत्य और तुच्छता" का प्रकाशन (2) "भक्ति व्यक्त करने के तीन तरीके।" (संतों की तालिका से टुकड़े, प्रार्थनाएँ, नारद भक्ति सूत्र)।
1982 1982 "आर.डी. रानाडे और उनकी आध्यात्मिक वंशावली" का प्रकाशन (ii) "संत कबीर की एक माला।" (iii) "चट्टान और धर्म"
1983"राजस्थान के संतों की एक माला" का प्रकाशन
1985"आध्यात्मिक फूलों की एक सदी" का प्रकाशन
1986"उपनिषदों का पुनर्कथन" खंड II (आठ उपनिषद) का प्रकाशन
22 अप्रैल, 1986 निर्यण

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