Manobodha of Sant Ramadasa

मनबोध, अर्थात ‘मन को संबोधित छंद’ का उद्देश्य केवल भगवान राम से प्रार्थना दोहराना नहीं है, अपितु ईश्वर को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संपूर्ण नैतिक-आध्यात्मिक अनुशासन को समझना और उसकी सराहना करना भी है। संत रामदास ने ईश्वर को ब्रह्मांड के हर कोने में मौजूद होने का अनुभव किया है और यह वह तथ्य है जिसे प्रत्येक सामान्य धर्मभीरु मन को जानना चाहिए।

भाषा: हिंदी
उपलब्ध स्थानअध्यात्म साहित्य विकास संस्थान, 63, जसवंत सराय, जोधपुर, राजस्थान, 342001
मूल्य₹100

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