बौद्धिक और आध्यात्मिक उत्कर्ष

भारत के दार्शनिक जगत में डॉ. वी. एच. दाते एक सुविख्यात नाम है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, जोधपुर और जयपुर के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में उन्होंने दर्शनशास्त्र के शिक्षक के पद को सुशोभित किया और अपने संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर अपनी गहन विद्वता और प्रभावशाली शिक्षण पद्धति की गहरी छाप छोड़ी। चूँकि वे महान दार्शनिक-संत प्रोफेसर आर. डी. रानाडे के छात्र और शिष्य थे, अतः यह स्वाभाविक ही था कि वे रानाडे की देखरेख में ही आध्यात्मिक जीवन का पहला और शायद आखिरी पाठ पढ़े।

डॉ. दाते के जीवन में दर्शन का महत्व उतना महत्वपूर्ण नहीं था जितना आध्यात्मिक सत्य। इस सत्य का उद्घाटन उनके गुरु की कृपा से, आजीवन ध्यान और ईश्वर की उपासना से हुआ था। अपने गुरु की आराधना से उनको आध्यात्मिक जीवन के रहस्यमय अंतर्दृष्टि की प्राप्ति हुयी । उनकी किताबें का मुख्य विषय दर्शन शास्त्र के केवल उन आयामों से संबंधित हैं जिनका आध्यात्मिक जीवन पर स्वभावतः सीधा असर पड़ता है। उन्हें कोरे सिद्धांतों या कल्पनाओं में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी, जिसे वे सिर्फ बौद्धिक कलाबाजी कहते थे। इसलिए अगर ये कहें कि उन्होंने अपनी पुस्तकों में सिर्फ अपने आध्यात्मिक अनुभवों को ही अभिव्यक्त किया है तो वह अतिशयोक्ति नहीं होगी | वे स्वयं भी कहते हैं कि यह वही है जो प्रोफेसर रानाडे का आशय है।

रहस्यवाद पर काम तो बहुत हुए होंगे, लेकिन डॉ. दाते ने जो किया है वह रहस्यवादी जीवन का सारांश है, वह भी अस्पष्टता, अंधविश्वास और अप्रामाणिक मान्यताओं से सर्वथा मुक्त। विशेष रूप से Vedanta Explained के दो खंड, (Commentary on the Brahma-sutras), Brahma-yoga of the Gita (भगवद गीता पर टिप्पणी), और Yoga of the Saints, इस का जीता जागता प्रमाण है। भारत के संतों के कथनों का चुनिंदा संग्रह और व्याख्यान आध्यात्मिक जीवन के अभिलाषी लोगों के लिए बेहद मूल्यवान सिद्ध होंगे। क्योंकि संत सामान्यतः आध्यात्मिक सत्य के संरक्षक हैं. उनकी कुछ पुस्तकें आध्यात्मिक जीवन की गलत धारणाओं को दूर करने, सत्य को असत्य से और आध्यात्मिक को अ-आध्यात्मिक से अलग करने में सफल हैं। उनके गुरु प्रोफेसर रानाडे के अनुसार डॉक्टर दाते अपनी शैली के स्वामी हैं। सरल भाषा, स्पष्ट विचार और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि से उनकी पुस्तकें अत्यंत आकर्षक हैं ।

डॉ. वी. एच. दाते द्वारा पुस्तकें

डॉ. दाते की पुस्तकों की समयानुसार सूची

क्रम नाम वर्ष
1 Some Problems in the Philosophy of Saint Paul 1933 / 2021
2 The Yoga of the Saints 1944
3 Vedanta Explained Vol. 1 1954
4 Vedanta Explained Vol. 2 1959
5 नित्यनेमावली (हिंदी अनुवादक- वि. ह. दाते) 1964
6 गीतोपदिष्ट ब्रह्मयोग (अध्याय नववा- मराठी अनुवाद) 1968
7 Sevenfold Stream of the Saintly Life 1971
8 Brahma-Yoga of the Gita 1971
9 श्री संत तुकाराम की अभंग-गाथा (हिंदी) 1974
10 Spiritual Treasure of St. Ramadasa 1975
11 Meditation of St. Tukaram 1976
12 Diamonds on the Spiritual Crown 1976
13 चित्सुखतरंग (हिंदी) 1976
14 A Rosary from St. Ramadasa 1978
15 श्रीमत् रामदास-कृत दासबोध (हिंदी) 1978
16 श्री ज्ञानेश्वरी (हिंदी) 1979
17 मनोबोध (हिंदी) 1979
18 श्री व्यंकटेश स्तोत्र (हिंदी) 1979
19 Jnanadeva, the Light Beyond 1979
20 A Rosary from St. Jnanadeva 1979
21 A Rosary from St. Tulsidasa 1979
22 Upanisads Retold Vol. 1 1979
23 A Rosary from Sri Sankaracharya 1980
24 A Rosary from Upanisads 1980
25 Puzzles of the Spiritual Life 1980
26 Topic-wise Study of Brahma-sutras 1980
27 Three Ways of Expressing Devotion 1981
28 Truth and Trifles 1981
29 Rock and Religion 1982
30 A Rosary from St. Kabir 1982
31 R. D. Ranade and his Spiritual Lineage 1982
32 A Rosary from Saints of Rajasthan 1983
33 A Century of Spiritual Flowers 1985
34 Upanisads Retold Vol. 2 1986
35 An Approach Road to Philosophy 1992

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